प्रेम विवाह करने के ज्योतिषीय उपाय

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प्रेम विवाह करने के ज्योतिषीय उपाय : 

अक्सर देखा जाता है कि जो लोग प्रेम-विवाह करने का फैसला लेते है क्यूंकि आज भी हमारे समाज में प्रेम विवाह को उतना ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता ही है। जिसके चलते मन में विवाह से संबंधित बहुत से प्रश्न मन में आने लगते है जिसके चलते लोग परेशानियों से घिर जाते है। वही शादी से पहले हर लड़की की कुंडली आदि का मिलान होता है। इसी बात को लेकर एक लड़का-लड़की के मन में कई तरह के सवाल आने लगते है। तो आज हम आपको प्रेम विवाह से संबंधित कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब देकर उनके ज्योतिषीय उपायों के बारे में भी बतायेंगे। जिनको जान लेने से प्रेम-विवाह करने वाले लोगो के मन में आने वाले सवालों का हल निकल आयेगा।

प्रेम विवाह में सफलता कैसे मिलेगी ? जानिए कुछ साधारण उपाय :

आज हम उन लोगो की समस्या को दूर करेंगे जो प्रेम-विवाह करने से पहले ये सोचने लगते है कि उनको वैवाहिक जीवन में सफलता मिलेगी या नहीं। तो ऐसे लोग शुक्र देव की पूजा करना न भूले, साथ ही पंचमेश एवं सप्तमेश की भी पूजा करें और साथ में आप एक पंचमेश रत्न जरूर धारण करें। इससे आपके प्रेम-विवाह में बहुत हद तक सफलता मिलेगी। इसके अलावा यदि आपके सप्तम में सप्तमेश व चन्द्रमा होता है तो भी प्रेम विवाह हो सकता है। और साथ ही आपका और आपके जीवन साथी का जीवन सुखद व्यतीत होगा। दूसरा एक उपाय जिसे आप और आपका जीवनसाथी दोनों कर सकते है। भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की मूर्ति या फिर उनकी फोटो अपने सामने रखकर “ ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः ” मंत्र का जाप करें। साथ ही जाप करने के लिए स्फटिक माला उपयोग में लें। और यदि हम शुक्ल पक्ष के गुरुवार को इस मंत्र का जाप शुरू करते है तो इसका अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है।

इसके अलावा जो लोग प्रेम-विवाह से पहले अपने परिवार की मंजूरी के बारे में सोचते है ये उपाय उनके बारे में है। ऐसे लोग कृष्ण मंदिर में जाकर बांसुरी और पान अर्पण करें ऐसा आप सप्ताह में 1 दिन जरूर करे। वही किसी को जरूरत से ज्यादा चाहने पर उसे अपना बनाने वाले लोग मां दुर्गा की पूजा के साथ माता को लाल रंग की ध्वजा चढ़ाएं। इससे आपको मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा। 

इसके साथ ही कुछ साधारण उपाय जिनको कोई भी कर सकता है :-

– भगवान शिव का प्रत्येक सोमवार शहद से रुद्राभिषेक करे।

– इसके साथ ही सोलह सोमवार व्रत करे।

– प्रेम-विवाह में सफलता के लिए शुक्ल पक्ष में प्राण प्रतिष्ठत असली गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करें।

ओपल या हीरा रत्न धारण करने से प्रेम-विवाह सफल होता है।

– सप्तमेश या सप्तम भाव में विराजमान ग्रह की शांति करा लेने अच्छा होता है।

– साथ ही काम व आकर्षण बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र-  ॐ क्लीं नम: 

क्या कुंडली से प्रेम विवाह का योग पता चलता हैं ?

जी हाँ कुंडली से प्रेम विवाह का योग पता चल सकता है। आइये आपको बताते है कुंडली के आधार पर कैसे प्रेम-विवाह का योग बनता है। जब कुण्डली का सप्तम स्थान विवाह का स्थान होता है। और जब सप्तम या सप्तमेष का सम्बंध तीसरे, पांचवे, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव के मालिक के साथ बनता हैं, ऐसी कुंडली वाले जातक का प्रेम विवाह होता है। साथ ही जातक की कुंडली में पंचम भाव होने से से प्रणय संबंधों का पता चलता है। और इसी पंचम या सप्तम भाव में सूर्य एवं हर्षल की युति होने पर भी प्रेम विवाह हो सकता है।

तो इस तरह हम विभिन्न उपायों को अपनाकर प्रेम-विवाह को सुखद बनाने के साथ ही साथ अपनी कुंडली के आधार पर अपना प्रेम-विवाह योग जान सकते है ।

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