वास्तु शास्त्र की उत्पत्ति

वास्तु शास्त्र की उत्पत्ति स्थापत्य वेद से हुई है, जो अथर्ववेद का हिस्सा है। यह विज्ञान प्राचीन काल में वास्तुकारों तक ही सीमित था, जिसे स्थापथी कहा जाता था, और मौखिक रूप से या हस्तलिखित मोनोग्राफ में प्रसारित किया जाता था। वास्तु शास्त्र का उल्लेख हमारे प्राचीन शास्त्रों जैसे महाभारत और रामायण में भी मिलता है। भगवान राम द्वारा निर्मित सेतु पुल वास्तु सिद्धांत पर आधारित है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से यह भी पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता पर वास्तु शास्त्र का प्रभाव था।

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विद्या है। इस विद्या को ग्रहण करने वाले वास्तुशास्त्र विशेषज्ञ दिशा, भूमि तथा ऊर्जा के सिद्धांत पर निर्माण की जाने वाली वस्तु अथवा भवन आदि का शुभ तथा अशुभ  स्थिति का बोध कराते है। वास्तु शास्त्र के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि तथा शांति का आगमन होता है। वास्तु शास्त्र की विद्या लेने वाले विशेषज्ञ मकान में रहन सहन से संबंधित अपने अपने टिप्स (नुस्खे) देते हैं। 

आपने भी ऐसे अधिकतर लोगों को देखा होगा, जिनके घर में प्रत्येक वस्तु अति उचित रूप से व्यवस्थित दिखती है। कई लोग अपने कुंडली के आधार पर भी अपने व्यक्तिगत वास्तु विशेषज्ञ को मकान या घर के निर्माण के लिए चयनित करते हैं। इसी क्रम में आज हम आपके लिए शयनकक्ष अथवा बेडरूम से संबंधित कुछ वास्तु टिप्स लेकर उपस्थित हुए हैं। वास्तु शास्त्र के यह तरीके आपके बेडरूम का कायापलट कर देंगे। आप एक अद्भुत आराम तथा शांति का अनुभव कर पाएंगे।

वास्तु टिप्स फॉर बेडरूम ( Vastu tips for Bedroom ) :

चलिए जानते हैं, वास्तु शास्त्र के अनुसार आपके बेडरूम में क्या क्या परिवर्तन होने चाहिए।


1. बेडरूम के लिए सबसे महत्वपूर्ण है दिशा। आपके घर में बेडरूम की दिशा उत्तर पूर्व- दक्षिण पूर्व में नहीं होना चाहिए। बेडरूम की दिशा उत्तर पश्चिम – उत्तर तथा दक्षिण पश्चिम में होना शुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा में बेडरूम होने से छात्रों, घर के मालिक तथा दंपतियों के लिए बेहद फायदेमंद रहता है। पूर्व दिशा में बेडरूम होने पर बुद्धि तेज होती है। 

2. सोने की दिशा की बात करें तो, वास्तु शास्त्र के मुताबिक अच्छी नींद के लिए आपको दक्षिण दिशा आपके लिए आदर्श दिशा है। उत्तर दिशा या फिर पूर्व दिशा की ओर पैर करके सोने पर भाग्य आकर्षित होता है। ध्यान रहें कि उत्तर दिशा की ओर सिर करके ना सोए। 

3. शांति भंग करने वाले उपकरणों को बेडरूम के बाहर रखें। जो भी उपकरण आपकी नींद में बाधा उत्पन्न करते हैं। उन्हें बेडरूम के अंदर नहीं रखना चाहिए। जैसे – स्पीकर, कंप्यूटर, फोन आदि। यहां तक कि टीवी को भी शयनकक्ष के बाहर लगाना चाहिए। 

4. बेडरूम में शीशा भी नहीं लगा होना चाहिए। शीशा एक ऐसी वस्तु है जो चारों ओर ऊर्जा का प्रवाह करती है। जिस कारण बेचैनी तथा चिंताएं आपको सोने नहीं देंगी। नकारात्मक विचार आपके आसपास घूमेंगे। इसलिए शीशा तथा शीशे जैसे प्रत्येक वस्तु बेडरूम के बाहर रखें। इसके अतिरिक्त ड्रेसिंग टेबल लगाने को भी बेड के सामने नहीं रखना चाहिए।

5. जीवन में रंगों का विशेष महत्व होता है यह हमारी जिंदगी को रंगीन ही नहीं बनाते हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य तथा मूड पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में आपके बेडरूम के लिए हल्के रंगो का पेंट सबसे बेहतरीन रहेगा। सफेद, पीला, नीला आदि रंगो के साथ हल्का लाल रंग का शेड भी उचित रहेगा। हल्के रंग खुशी का माहौल बनाते है। तथा आंखों को शांति देते हैं।

6. एक अच्छी सुंगध आपके मन को सुगंधित कर जाती है। यह आपके मूड को रिफ्रेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इसलिए अपने कमरे में परफ्यूम, खुशबूदार मोमबत्तियां आदि का प्रयोग अवश्य करें। यह आपके दापंत्य जीवन को भी खुशियों से भर देगा।

उम्मीद करते हैं कि उपरोक्त लिखित वास्तु शास्त्र के बेडरूम से संबंधित टिप्स आपके लिए लाभकारी रहे होंगे। यह टिप्स वास्तव में आपके जीवन को उचित स्तर पर प्रभावित करेगा।

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